शंका
हम भक्तामर जी, सामायिक, आलोचना पाठ, तत्त्वार्थ सूत्र आदि का नियमित पाठ करते हैं – लेकिन कभी प्रातः नहीं होता तो शाम को कर लेते हैं। क्या तत्त्वार्थ सूत्र का पाठ साँय काल करना उचित है?
समाधान
तत्त्वार्थ सूत्र का पाठ साँय काल करने का लोग निषेध करते हैं लेकिन इसका कोई शास्त्रीय विधान देखने में नहीं आता। यह शुद्ध ग्रन्थ है – यदि इसे छोड़ना ही हो तो संधिकाल में छोड़ सकते हैं। बाकी समय में पढ़ सकते हैं।
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