प्राचीन शिलालेखों में सल्लेखना का कोई उल्लेख है?

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शंका

प्राचीन शिलालेखों में सल्लेखना का कोई उल्लेख है?

समाधान

हमारे यहाँ खारवेल के शिलालेखों में भी सल्लेखना का उल्लेख मिलता है। उड़ीसा के खंडगिरि, उदयगिरि में, कुमारी पर्वत पर सम्राट एलखारवेल का शिलालेख है, जो ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी का है, वहाँ सल्लेखना का उल्लेख मिलता है। श्रवणबेलगोल की चंद्रगिरि पहाड़ी पर आचार्य चंद्र गुप्त मौर्य, जिन्हें विषयखाचार्य, प्रभाचंद्र के नाम से जाना जाता हैं, उनकी सल्लेखना का उल्लेख हैं, आचार्य भद्रबाहु की सल्लेखना का उल्लेख हैं। अन्य भी अनेक मुनियों की सल्लेखना का उल्लेख मिलता है। यह शिलालेख छटवीं शताब्दी का माना जाता है। 

इसी प्रकार कटवा पर्वत पर भी कुछ ऐसे शिलालेख प्राप्त है जिसमें सल्लेखना का विधान है। ऐसे अनेक सल्लेखना के विधान अभिलेखों की उपलब्धि है जो अलग-अलग स्थानों पर संग्रहित है इसलिए यह सल्लेखना की परिपाटी अत्यंत प्राचीन है और इस तरह के शिलालेख भरे पड़े हैं यदि दिया जाए तो सैकड़ों की तादाद में दिया जा सकता है।

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