क्या प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न महत्त्वाकांक्षा खतरनाक है?

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शंका

विद्यालय में शिक्षक कहते हैं कि प्रतिस्पर्धा करना जरूरी हैं। प्रतिस्पर्धा में महत्त्वाकांक्षा की भावना उत्पन्न हो जाती हैं, जिससे हम दूसरों को पीछे करने का प्रयास करते हैं, क्या इसमें हमें पाप का दोष लगेगा?

समाधान

महत्त्वाकांक्षा मात्र खतरनाक नहीं, कुंठित महत्त्वाकांक्षा खतरनाक है। प्रतिस्पर्धा करो, परन्तु प्रतिद्वंद्विता मत करो। अपने आप को आगे बढ़ाने की सोचो लेकिन दूसरों को पीछे धकेलने की सोच अच्छी नहीं हैं।

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