क्या परिवार के होते हुए दीक्षा ले लेना स्वार्थ नहीं?

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शंका

क्या घर में रहते हुए मोक्ष सम्भव है? यदि किसी के माता-पिता, बच्चों के रहते हुए वह मोक्ष प्राप्ति के लिए दीक्षा ले लेते हैं, तो क्या यह उनकी खुद की आत्मा के लिए स्वार्थ नहीं है?

समाधान

घर में रहते हुए मोक्ष सम्भव नहीं है, मोक्षमार्ग सम्भव है। अभी घर में रहकर मोक्षमार्ग को पकड़ो, घर से निकल कर के मोक्ष चले जाओगे। 

माता-पिता बच्चों के रहते हुए अगर वह मोक्ष प्राप्ति के लिए दीक्षा ले लेते है, तो क्या यह उनकी खुद की आत्मा के लिए स्वार्थ है? यह तो उनसे पूछो जिनके बच्चे निकल गए; उनके मां-बाप से पूछो कि ‘तुम्हारे बेटे के निकलने से तुम को हर्ष हुआ या शोक?’ 

समझ लो! माँ बाप की सेवा करने का मतलब केवल यह नहीं कि उनके हाथ-पांव दबाओ, उनकी सेवा सुश्रूषा करो, उनके भरण-पोषण की व्यवस्था करो- ये तो ऊपरी सेवा है। माता-पिता की सच्ची सेवा है -अपने आचार, विचार और व्यवहार से उनके गौरव को चारों दिशा में फैला देना, उनकी कीर्ति को दिग – दिगंत व्यापी बना देना! समझ गए! अगर कोई दीक्षा लेता है, तो उसके प्रभाव से ही माँ बाप भी जगत पूज्य बन जाते हैं और जब वो आते हैं उनके हर्ष का कोई ठिकाना नहीं रहता। सच्ची सेवा तो तुम नहीं हम लोग कर रहे हैं।

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