शंका
पिछले चार-पाँच साल से जब भी मैं मन्दिर जाता हूँ या साधु सन्तों के सम्पर्क में जाता हूँ तो कुछ बोल नहीं पाता, सिर्फ आँखों में आँसू आते है?
समाधान
आँखों में आंसू आना बहुत अच्छा लक्षण है। एरियापद प्रतिक्रमण भक्ति में कहा गया कि एक अच्छे भक्त पहचान क्या है?
वाणीं गद्गद्यन् वपु: पुलकयन् नेत्रद्वयं स्रावयन्,
मूर्द्धानं नमयन् करौ मुकुलयंश्चेतोऽपि निर्वापयन्॥
गदगद वाणी, शरीर रोम रोम पुलकित और दोनों आँखों से आंसू की धार और मन पुलकित, कर मुकलित हो, वो भक्ति का उत्कृष्ट रूप है। निश्चित ये शुभ लक्षण है, इससे आपके कर्म गलेंगे।
Leave a Reply