क्या जीने की कामना रखना भी कषाय है?

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शंका

क्या जीने की कामना रखना भी कषाय है?

समाधान

जीने की कामना क्या कषाय है? जब तक जीवन है तब तक कषाय है, कामना मात्र कषाय है। जीने की कामना में कोई निन्दा नहीं है। आयु कर्म के कारण मनुष्य जिंदा रहता है। मैं कितना भी लम्बा जीवन जीने के कामना करूँ, क्या मेरी कामना से मुझे अमरता मिल जायेगी? सन्त कहते हैं कि जीवन तुम्हें मिला है, ढंग से जीना सीखो और व्यर्थ की बातों में उलझने में कोई सार नहीं है। जितना जीवन मिला है ढंग से जियो, जीने को सार्थक बनाओ। थोड़ी सी जिंदगी में भी बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है। यदि हम जीने की कला नहीं जानते तो बहुत लम्बी चौड़ी जिंदगी भी व्यर्थ हो जाती है। तो जीवन जीने की कामना करने की जगह, जीवन को सार्थक बनाने की कामना करो, तुम्हारा जीवन धन्य हो जायेगा।

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