विष्णु कुमार मुनि का विक्रिया ऋद्धि धारण किस अवस्था में हुआ?

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शंका

विष्णु कुमार मुनि ने जब बलि के सामने विक्रिया रिद्धि प्रकट (धारण) की थी, तो वे उस समय मुनिराज की अवस्था में थे या वस्त्र धारी थे? यदि वस्त्रधारी थे तो उनका गुणस्थान छठवाँ कैसे?

समाधान

विष्णु कुमार मुनिराज उस समय वस्त्र धारी थे। उन्होंने बाद में प्रायश्चित्त लिया था।

उस समय वह उनके भीतर के वात्सल्य की हिलोर थी और यह इस बात का प्रतीक है कि वात्सल्य के आगे संयम की मर्यादा भी छोड़ दी जाती है। वह ऐसा था कि जैसे कीचक के वध के लिए भीम ने कभी साड़ी पहनी थी।

उस समय उनके गुण स्थान की बात को मत करो, उस समय उनके कर्तव्य की बात करो। वह एक प्रकार का एक कूटनीतिक प्रयास था। जिससे राजा बलि को सबक सिखाना था। उस समय वो गुण स्थान क्या था, मैं नहीं कह सकता। लेकिन उन्होंने बाद में अपना प्रायश्चित्त करके अपने जीवन का उद्धार किया जिस समय विक्रिया ऋद्धि की शुरुआत की उस समय वे संयम के निधान थे। जब वे असयंत हो गए उस समय उनका गुणस्थान जो भी रहा हो, लेकिन निश्चित रूप से संयम के अनुकूल नहीं होगा। मैं यह नहीं कहूँगा कि उनका गुणस्थान पतित हो गया।

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