शंका
विसर्जन पाठ में देवों को वापस जाने के लिए क्यों कहते है?
समाधान
अगर कोई जा रहा है तो उसे धन्यवाद देते हो कि नही? यहां पर हमने किसी को पूजा करने के लिए बुलाया कि “आओ! मेरे साथ पूजा करो।” आपने हमारे साथ भगवान की पूजा-आराधना की, पूजा-आराधना करने के बाद उनको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहते हैं कि- “मेरे निवेदन पर आप लोग आए और मेरे साथ आप सब ने मन लगाकर भगवान की पूजा की, आप का बड़ा आभार! अब मैं जा रहा हूं तो आप भी जाएं।” आपको मंदिर में नहीं रहना किंतु उनको बिठा दिया और स्वयं खिसक गए, अच्छा नही लगेगा। घर में अतिथि को आपने बुलाया और खुद खिसक गए और वे रह गए, तो अच्छा लगेगा क्या? तो मामला थोड़ा गड़बड़ हो जाता है। इसलिए एक प्रकार से यह धन्यवाद ज्ञापन जैसा है। इसलिए आप इसे बोलें तो अच्छा है; ना बोलें तो बदल कर मत बोलें।
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