स्तोत्र और मंत्र का प्रभाव।

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शंका

विदेशी न्यूज़ चैनल में एक इंटरव्यू देखा जिसमें हमारे समाज की एक डॉक्टर हैं वह मन्त्रा हीलिंग (Mantra Healing) द्वारा असाध्य रोगों का उपचार करती हैं। वह हमारे भक्तामर के ४५वे श्लोक – “उद्भूत भीषण जलोदर भार भुग्ना ..” का पाठ रोगियों को करवाती है। ऐसे ऐसे रोगी स्वस्थ हो गए कैंसर से जिनका मुँह नहीं खुल रहा था या मृत्यु शैया पर थे। वो इस पर शोध भी कर रही है और उन्होंने उनकी थीसिस है वो डब्लू एच ओ (WHO) में भेजी है। मुझे बहुत ख़ुशी हुई। हम यह मन्त्र डेली पढ़ते हैं लेकिन हम बड़े नॉर्मल तरीके पढ़ते हैं। हम ऐसी क्या साधना करें इस मन्त्र के बारे में कि हम इस मन्त्र को जन-जन के लिए लाभकारी बना सकें?

समाधान

विश्व में इस विषय पर काफी रिसर्च हुए। वर्तमान समय में कोस्मिक पावर (cosmic power), डिवाइन पावर (divine power) इन सब चीजों पर बहुत रिसर्च चल रही है और इसके आधार पर विभिन्न प्रकार की प्रार्थना और मन्त्रों पर बहुत शोध भारत में कम भारत से बाहर ज़्यादा हुआ। अलग से नए-नए तरीके से रिसर्च कर रहे हैं उसके परिणाम मिले हैं। हमारे शास्त्रों में तो इनका बहुत पुराने समय से उल्लेख रहा है। एक बात सदैव हमें ध्यान में रखना चाहिए, कोई भी मन्त्र या स्तोत्र उसका अपना कोई प्रभाव नहीं, जो भी उसका प्रभाव है उसके साथ जुड़ी हुई श्रद्धा का है। हमारे हृदय में श्रद्धा नहीं रहेगी तब तक कुछ काम नहीं। जबलपुर में एक मुसलमान भाई है वह केवल भक्तामर स्तोत्र के कुछ पदों के माध्यम से कई लोगों की कई बीमारियाँ दूर करता है, झाड़ता है। जब जैनी उसके पास जाते तो बड़ा आश्चर्य भी करता था। ये आज नहीं आज से २५ ३० बरस पहले की बात है, आज भी चल रहा है, श्रद्धा का विषय है। जब तक हमारे ह्रदय में वैसी श्रद्धा नहीं होगी वैसे परिणाम हम अपने भीतर घटित नहीं कर सकते। अपने अन्तरंग की श्रद्धा जगानी चाहिए और श्रद्धा के साथ-साथ उसकी विधि से उसका काम करना चाहिए। अभी आप बोलते बोलते कह गए “मंत्रा हीलिंग” यह क्या है? यह एक बदला हुआ रूप है। ऐसे योग को योगा बोल दिया, राम को रामा बोल दिया, ऐसे ही आजकल बच्चों के संस्कार बिगड़ते जा रहे हैं। उनको नमो बोलेंगे तो वह लिखेगा एनएमओ (NAMO) और बोलेगा णमो, प्रभाव क्या पड़ेगा? हमें मन्त्र बोलना है, हमें योग बोलना है, हम मूल मन्त्रों का मूल तरीके से पढ़ें और जैसा उन्होंने बताया है इसके बहुत अच्छे परिणाम हैं और भी लोग हैं। एक तो पुणे में भी इस पर काफी हीलिंग सेंटर चल रहे हैं। कई लोग हैं जो णमोकार के माध्यम से भी चल रहे, भक्तामर के ऊपर भी कर रहे, णमोकार पर उदिता शाह वो कर रही है और एक मयंक जैन है जो भक्तामर के ऊपर पूरे प्रयोग कर रहे हैं। उसमें एनर्जी प्लेट्स देते हैं और उसके बल पर लोगों में काफी अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। यह बहुत अच्छी बात है और विज्ञान के द्वारा इन सबका हमारे बीच निचोड़ आ रहा है, तो ये हमारे लिए और उत्प्रेरक है। हम इनका पूरा लाभ लें लेकिन एक बात को सदैव ध्यान रखें। दुआ और दवा दोनों को साथ लेकर चले।

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