यदि विवाह माँगलिक है तो विवाह में अमाँगलिक क्रियाएं क्यों?

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शंका

विवाह माँगलिक है या अमाँगलिक? यदि माँगलिक हैं तो मंगलाचार होना चाहिए लेकिन आज फिल्मी गानों के मंगलाचार बढ़ गये हैं।

समाधान

इसलिए तो विवाह के बाद मँगल की जगह दंगल ज़्यादा होते हैं। आज माँगलिक क्रियाओं में अमाँगलिक प्रवृतियाँ ज़्यादा बढ़ गई हैं, इसके दुष्परिणाम बढ़ रहे हैं, इससे बचना चाहिए। 

पहले विवाह के पूर्व गीत की व्यवस्था होती थी और जब से यह महिला संगीत शुरू हो गया तब से सब गड़बड़ हो गया है। इन सब दुष्प्रवृत्तियों से बचना चाहिए। सोशल मीडिया ने इसे बहुत हवा दी है और एक बहुत बड़ी कुरीति की परम्परा का रूप लेती जा रही है। इससे हमारे संस्कारों की क्षति हो रही है, हमारी परम्परा का विनाश हो रहा है। ऐसे माँगलिक अवसरों पर इस तरह के अमाँगलिक कृत्यों के करने का दुष्प्रभाव पड़ रहा है। विवाह की सबसे महत्त्वपूर्ण क्रिया पाणिग्रहण की क्रिया होती है और उसी में सबसे ज़्यादा लोगों की उदासीनता होती है अथवा जो रहते हैं वे हँसी-मज़ाक फूहड़पन को प्रदर्शित करते हैं। यह अच्छी बात नहीं है। शादी में मंगल फेरे में यन्त्र होता है और उसकी साक्षी में अग्नि की साक्षी में फेरे जैसे कृत्य होते हैं और उस समय इस तरह की अभद्र प्रवृत्तियाँ करना, फूहड़ प्रवृत्तियाँ करना एक प्रकार से बहुत बड़ी असाधना है। हमें इनसे बचना और बचाना चाहिए।

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