शंका
भगवान की पूजा में उनके गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, निर्वाण की जो अर्घ चढ़ाई जाती है उनकी तिथियाँ कैसे निर्धारित हुई हैं क्योंकि यह जो केलेंडर तो उस समय तो चलता ही नहीं होगा।
समाधान
ये साल संवत हैं, आज से लाखों-करोड़ों वर्ष बाद भी यही रहेंगे। विक्रम संवत तो नहीं थे लेकिन तिथियाँ तो यही थीं जो समय काल के अनुरूप परिवर्तित होती रही हैं।
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