दिन की शुरुआत और अंत कैसे करें?

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शंका

आपसे एक ऐसा गुरु मन्त्र हम लोग चाहते हैं कि सुबह सोकर उठने के बाद सबसे पहले और रात को सोने से पहले जब आंखें बंद होती है, उस समय की कोई ऐसी ध्यान की प्रक्रिया आप दें जिसको हम करके, दिमाग को शान्त करके हम दिन में एक सही निर्णय ले सकें?

समाधान

जैसे आँख खोलें सबसे पहले अपने मन में अपार प्रसन्नता भरें। प्रसन्नता किस बात की? आज एक नया दिन देखने को मिला इस बात की खुशी होनी चाहिए। आज हमें कोई थोड़ी सी उपलब्धि होती है, मन में प्रसन्नता आती है। हमें जीवन मिला उससे प्रसन्नता का क्षण क्या होगा? पहली बार जब आँख खुले तो मैं यह करता हूँ। जब मैं उठता हूँ उस समय मेरे मन में अपार प्रसन्नता होती है। मैं अपने आप को इस धरती के भाग्यशाली लोगों में एक गिनता हूँ कि आज मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे नया दिन देखने का अवसर मिला। उठने के बाद फिर परमात्मा, गुरु और माता-पिता को प्रणाम करो। उनके प्रति कृतज्ञता और आभार भरा नमन अर्पित करें। और साथ ही मन ही मन संकल्प लें, ‘आज मुझे सहज रहना है, शान्त रहना है, प्रसन्न रहना है, सिचुएशन चाहे जैसी हो अपने इमोशंन को ठीक रखना है।’ यह एक प्रार्थना और ऐसा संकल्प अपने मन में लेकर अगर हम दिन की शुरुआत करते हैं तो पूरे दिन खुश रहेंगे। 

अब रहा सोने के समय का; तो जब हम सोने को हो सुबह से सोने तक के पूर्व तक के विचारों को रिकॉल करें। आज मैंने कहाँ क्या बोला, किसी से क्या व्यवहार किया, उस समय मुझे क्या कहना चाहिए था, अगर मैंने गलत किया तो मुझे सुधार लेना चाहिए। अपने मन ही मन उनका कन्फेशन (confession) करें और यह तय करें कि अब दुबारा ऐसी सिचुएशन (situation) आएगी तो मैं इसकी पुनरावृत्ति नहीं करूँगा। मन ही मन अगर हमारे व्यवहार और प्रवृत्ति से किसी को आघात पहुँचा हो तो उससे क्षमा मांगे। अपने मन में किसी की बात को लेकर खटास आई हो, तो उसे क्षमा करके मन साफ करें। और फिर प्रभु से प्रार्थना करें हे प्रभु! आज का दिन आपकी कृपा से अच्छे से बीत गया। अब मैं विश्राम करने जा रहा हूँ। आपसे एक निवेदन है यदि इस अवधी में मेरे जाने की बारी आए, तो बस इतनी सी कृपा कर देना जाते समय मेरी आंखें खोल देना, मैं आपके दर्शन करते हुए इस दुनिया से जाना चाहता हूँ, बस इस भाव के साथ। 

मैं नियमित ऐसा करता हूँ। आप लोग प्रयोग करके देखें, बहुत लोगों को मैंने कराया है। पूरे दिन आप ऊर्जा से भरे रहोगे आनन्द पाओगे। इसी आशय की बात सुबह उठने के समय में 5 मिनट का भावना योग है और सोने से पूर्व का 5 मिनट का भावना योग है। आप करके देखें आनद से भरे रहोगे।

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