गृहस्थी में रहते हुए राग-द्वेष और मोह को कैसे कम करें?

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शंका

गृहस्थी में रहते हुए हम लोग राग, द्वेष और मोह को कैसे कम कर सकते हैं?

समाधान

निश्चित रूप से गृहस्थी में वीतराग तो नहीं हुआ जा सकता है। Refuse (मना) करना और Reduce (कम) करना दो अजग-अगल चीजें है। Refuse (मना) नहीं कर सकते हैं तो Reduce (कम) तो कर ही सकते हैं। Reduce (कम) करने का उपाय क्या है? 

मन में संकल्प रखो कि मुझे किसी से बैर की गाँठ नहीं बाँधनी है। यदि किसी के प्रति किसी बात को लेकर के कलह हो जाये या झगड़ा हो जाये तो तुरन्त क्षमा माँग कर उस बात को वहीं खत्म कर दें। बैर की गाँठ अपने मन में कभी न बँधने दें। कभी किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव प्रगाढ़ न होने दें। प्रतिशोध की भावना मन में उत्पन्न न होने दें ये सारी क्रियायें हो सकती हैं। जहाँ तक राग व द्वेष से बचने की बात है, तो गृहस्थी में राग से नहीं बचा जा सकता है। लेकिन कोशिश करो कि अशुभ राग कम से कम हो। यदि वीतराग न बन सको तो कोई चिन्ता की बात नहीं वीतद्वेषी तो बन ही सकते हो। ये तय करो कि मैं किसी के प्रति कोई दुर्भाव नहीं रखूँगा। यदि ऊँच नीच हो जाये तो उससे वहीं क्षमा माँग करके हिसाब-किताब बराबर कर दें। यदि आपके अन्दर अपने परिणामों के प्रति जागरूकता है और संसार से भीति का मनोभाव हैं तो राग व द्वेष अधिक नहीं पनप सकता है।

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