पर्युषण पर्व को कैसे सार्थक करें? दूसरे धर्म के लोगों को जैन धर्म से कैसे जोड़ें जिससे उनका भी उद्धार हो सके?

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शंका

पर्युषण पर्व को कैसे सार्थक करें? दूसरे धर्म के लोगों को जैन धर्म से कैसे जोड़ें जिससे उनका भी उद्धार हो सके?

समाधान

पर्युषण पर्व के दिनों में अपने आप को जितना संयम-साधना से बांध सके, बांधें। अपनी प्रवृत्तियों को जितना नियंत्रित कर सकें, रखें और जिन मन्दिर में जाकर भगवान की पूजा करें, अभिषेक करें, शक्ति के अनुसार एकासन या उपवास करें या अन्य जो नियम ले सकते है, वह लें। कम से कम १० दिनों तक रात्रि में चारों प्रकार के आहार का त्याग तो अनिवार्यता करें और दिन में भी इधर-उधर की चीजें खाने से बचें। शुद्ध सात्विक जीवन जियें।

अन्य लोगों को जैन धर्म के महत्व से परिचित करवाने के लिए आवश्यक है कि आप जैन धर्म के स्वरूप को खुद समझें और लोगों को जैन विचार दें। यदि आप उस तरह के विचारों के संप्रेषण में स्वयं सक्षम हैं, तो स्वयं दें, नहीं तो गुरुजनों के प्रवचनों को, उनके कैसेट को, उनके CDs को लोगों तक पहुँचायें। आज संचार क्रांति का युग है, एडवांस टेक्नोलॉजी का दौर है, तो आधुनिक तकनीक के माध्यम से यह बातें लोगों तक पहुँचाई जा सकती हैं और उसे पहुँचा कर लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव घटित किया जा सकता है। अभी डॉक्टर गंगवाल ने किसी ईसाई महिला को, जो आस्ट्रेलिया में थी जैन धर्म से प्रभावित करने की बात की। उनके एक आलेख से वे प्रभावित हुई। आप भी इस तरह का अच्छा लिख कर, बोल कर, सुना कर, सुनवा कर लोगों के जीवन में परिवर्तन खड़ा कर सकती हैं।

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