बच्चे बाकी काम के साथ-साथ धर्म कैसे करें?

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शंका

बच्चे बाकी काम के साथ-साथ धर्म कैसे करें?

समाधान

एकदम! बिल्कुल सही बात है क्योंकि आजकल बच्चे बहुत व्यस्त हैं। एक दिन मैंने लोगों से प्रवचन में पूछा कि – “बच्चों को इतना BUSY (व्यस्त) क्यों बना देते हो? उन पर इतने सारे courses (पाठ्यक्रम) tuition-coaching (प्रशिक्षण – अनुशिक्षण) इन सब का load (वज़न) क्यों लाद देते हो?” तो एक महिला ने जवाब दिया, “महाराज! बच्चे ज्यादा busy रहते हैं तो,हम लोग easy (निश्चिंत) रहते हैं। तो यह गड़बड़ है कि निश्चित ही आज के समय में बच्चों में इतनी व्यस्तता है, और स्कूल का schedule (कार्यक्रम) और कोचिंग के कार्यक्रम इस तरीके के बढ़ गए हैं कि बच्चे चाह कर के भी धर्म नहीं कर सकते हैं। 

मैं तुम्हें और तुम जैसे सारे बच्चों के लिए यह कहना चाहता हूँ, तुम लोग धर्म नहीं कर सको तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। मन में संकल्प लो “हम अधर्म नहीं करेंगे।” बच्चे धर्म नहीं कर सकें, रोज मंदिर नहीं जा सकें, रात्रि भोजन त्याग नहीं कर सकें, गुरुओं के पास नित्य नहीं जा सकें, माला रोज नहीं फेर सकें, कोई दिक्कत नहीं; इतना संकल्प ले लें कि “अधर्म नहीं करेंगे। यानि कोई गलत कार्य नहीं करेंगे, कोई गंदा कार्य नहीं करेंगे, कोई अशुद्ध चीजें नहीं खाएँगे, खोटी चीजों की आदत नहीं डालेंगे, नशा नहीं करेंगे।” अगर आप संकल्प कर लोगे, तो आपका जीवन सुरक्षित हो जाएगा। घर से जब स्कूल जाते हो, गाड़ी में बैठते हो उतनी देर णमोकार मंत्र जपते रहो, तुम्हारा धर्म भी हो जाएगा, जाते समय भी और आते समय भी। जब खाली हो तो भगवान को याद कर लो, तुम्हारा धर्म हो जाएगा। अपनी अवस्था के अनुरूप करो और sunday (रविवार) के दिन भगवान का दर्शन करने ज़रुर जाओ।

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