मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य विमान के अकृत्रिम चैत्यालय के दर्शन कैसे होते हैं?

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शंका

सूर्य विमान में मकर संक्रान्ति के रोज अकृत्रिम चैत्यालय के दर्शन होते हैं वह कैसे?

समाधान

यह हम लोगों को नहीं होते हैं यह केवल चक्रवर्ती को होते हैं। उसका कारण ये है कि जो नेत्रेंद्रियों का क्षयोपशम होता हैं उसके कारण ४६,२६८ योजन की दूरी तक चक्रवर्ती अपनी खुली आँख से देख सकता है। उस दिन मकर राशि पर सूर्य आता है, तो उतनी नजदीकी अयोध्या से बनती है फिर वह रेंज से बाहर हो जाता है। इसलिए केवल १ दिन साल में चक्रवर्ती दर्शन कर पाता है। हम लोग नहीं, हम लोगों को दर्शन करने की बात नहीं सोचनी चाहिए।

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