कौन से भावों से हम नरक गति और तिर्यंच गति में जाते हैं?

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शंका

कौन से भावों से हम नरक गति और तिर्यंच गति में जाते हैं?

समाधान

नरक गति और तिर्यंच गति में जाने योग्य भाव कैसे होते हैं? जो मनुष्य बहुत क्रूर परिणाम रखता है, धन – पैसे में बहुत ज्यादा रचा पचा होता है, उसमें खूब involve (लिप्त) हो जाता है, आसक्ति रखता है, बहुत हिंसा करता है, क्रूर कर्म करता है, दूसरों के धन संपत्ति को हरता है, पापों में नि:रत रहता है (डूबा हुआ रहता है) , वह व्यक्ति नरक गति में जाता है।

जो खूब मायाचारी, छल, कपट करता है, विश्वासघात करता है, धोखाधड़ी करता है, conspiracy (षड्यंत्र) करता है, वह तिर्यंच गति में जाता है।

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