क्या गजरथ में हाथी को बाँध कर रखने से पाप का बंध नहीं होता है?

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शंका

जब हम गजरथ निकालते हैं, तो हम एक पंचेन्द्री जीव को बाँध कर रखते हैं। तो क्या हमें पाप का अर्जन नहीं होता है? आदिनाथ भगवान ने चंद पलों के लिए बैल का मुख बाँध दिया था तो उन्हें ६ महीने के लिए आहार नहीं मिला। तो क्या हमें पाप का बन्ध नहीं होता?

समाधान

हाथी को पालतू पशुओं की श्रेणी में रखा गया है। हाथी को पाला जाता है और पालने के साथ-साथ हाथियों को जब प्रशिक्षण दिया जाता है, तो वो उस तरीके से प्रशिक्षित हो जाते हैं। किसी भी प्राण को प्रताड़ित करना, कष्ट देना ये पाप कर्म है। तो इस तरह से कोई भी कार्य करते हैं तो चाहे आप गजरथ के लिए करें या अन्य किसी कार्य के लिए करें तो वो पाप होगा ही होगा। लेकिन जहाँ तक पंचकल्याणक के बाद गजरथ में हाथियों को रथ में बाँधकर चलने का सवाल है, मैंने अपनी आँखों से कई बार देखा कि हाथी भी झूमते हैं।

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