शंका
एक डोली वाला अपने जीवन काल में १००-१५० वन्दना करवा देता है। वह तो अजैन है, उसको वन्दना का क्या फल मिलेगा?
समाधान
पुण्य-पाप का सम्बंध जैन और अजैन से नहीं है; पुण्य और पाप का सम्बंध तो भावना से है। डोली वाले की बात जाने दीजिए, एक कुत्ता भी यदि भावपूर्वक वन्दना करे तो वह तर सकता है, डोली वाला तो इंसान है।
‘भाव सहित वंदे जो कोई, ताहिं नरक पशु गति नहीं होई‘ – ये लिखा है।
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