क्या सूतक-पातक की शुद्धि में बोले गए दान से पाप लगता है?

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शंका

सूतक पातक की शुद्धि के समय जो दान बोला जाता है, क्या उसमें पाप लगता है? ग्रथों में पढ़ने में आता है कि कुभोग भूमि का बन्ध लगता है।

जया जैन, कन्नौज

समाधान

सूतक में आहार दान, पात्र दान देने पर कुभोग भूमि का बन्ध लगता है; यदि दान की घोषणा किसी तरीके की जाती है, तो नहीं। ऐसे कहा जाता है कि यदि किसी के यहाँ सूतक है, तो सूतक की शुद्धि जिन पूजा और पात्र दान से ही होती है। इसलिए किसी के यहाँ मरण आदि होते हैं तो मरणोपरांत शांति विधान करते हैं। जिस दिन शांति विधान करते हैं, उस दिन उस परिवार के द्वारा चारों प्रकार का दान निकालने की परम्परा है। क्योंकि इस प्रकार के दान से सूतक की शुद्धि होती है और माना जाता कि अब उसके यहाँ धर्म की शुरुआत हो गई। आजकल सब तीसरे दिन में ही शुद्धि मान कर सलटा देते हैं, तेरहवें दिन में ही शुद्धि होनी चाहिए।

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