आत्महत्या होने पर 6 महीने का सूतक परिवार को लगता है या कुटुंब को?

150 150 admin
शंका

जिसको आत्महत्या का सूतक छह महीने तक लगता है उसकी विवक्षा कैसी है? परिवार में किस प्रकार से उस सूतक का विधान है?

समाधान

शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि जिसके यहाँ आत्महत्या होती है उसकी शुद्धि प्रायश्चित्तविधानतः ऐसा लिखा है। कई जगह ऐसी मान्यता है कि छह महीने तक उनको पूजा अर्चना करने का अधिकार नहीं दिया जाता तो हमने आचार्य महाराज से पूछा तो उन्होंने कहा कि छह महीने तक पूजा अर्चना न करना ही उनका प्रायश्चित है।

अब सवाल पूरे कुटुम्ब को छह महीने तक का सूतक या उस परिवार को, तो उन्होंने कहा ‘केवल उस परिवार को जो संयुक्त रूप से रहते हैं, जिनके घर जिस व्यक्ति ने किया उसके माता पिता और उनके स्वयं के बच्चों के लिए।’ उनके भाइयों के परिवार में ऐसा नहीं होता। जिनका भी इस तरह का सूतक है उनके यहाँ केवल उस परिवार को सूतक मानना बाकी सब को बारह दिन का जो सूतक लगता है वही लगता है। इसी प्रकार कोई व्यक्ति किसी के यहाँ गोद चला गया तो गोद जाते ही उसका गौत्र बदल जाता है फिर वो उस परिवार का उस कुल का अंग हो गया तो उसके पूर्व परिवार से सम्बन्धित कई सूतक पातक नहीं होगा उसी परिवार से सम्बन्धित सूतक पातक होगा और उसी परिवार में होगा बाहर नहीं होगा।

Share

Leave a Reply