क्या एक से पंचेंद्रिय जीवों की रक्षा करने पर समान साता वेदनीय कर्म का बन्ध होता है?

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शंका

क्या एक से पंचेंद्रिय जीवों की रक्षा करने पर समान साता वेदनीय कर्म का बन्ध होता है?

समाधान

एक इन्द्रिय और पंच इन्द्रिय जीव की रक्षा में अन्तर है। आगम कहता है कि आप जितने बड़े प्राणी का घात करेंगे, तो पाप अधिक होगा। तो सुरक्षा में पुण्य भी अधिक होना सम्भव है। जितने बड़े जीव की रक्षा करोगे, उतना पुण्य होगा। 

जहाँ तक अनावश्यक रूप से कूलर, पंखे चलाने की बात है, तो रक्षा का पुण्य हो या न हो, लेकिन हिंसा के पाप से बच जाओगे। यह जीवन को धन्य करेगा।

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