शंका
क्या सिद्ध परमेष्ठी पुरुषार्थ करते हैं?
समाधान
आत्म पुरूषार्थ तो सदैव है जब तक आत्मा में क्रिया वती शक्ति है, तब तक तो परिणमन है ही और परिणमन एक प्रकार का पुरुषार्थ है। पर वह पुरूषार्थ हम संसारी प्राणियों की भांति नहीं होता, वह कृत कृत्य है।
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