क्या शचियों को तीर्थंकर का जन्म-कल्याणक मनाने का अवसर मिलता हैं?

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शंका

क्या शचियों को तीर्थंकर का जन्म-कल्याणक मनाने का अवसर मिलता हैं?

समाधान

एक सौधर्म इंद्र की आयु ढ़ाई सागर तक की होती हैं और एक शचि की अधिकतम आयु पल्य होती है। पाँच पल्य आयु के हिसाब से निकालने पर ४० नील शचियाँ एक सौधर्म इंद्र के काल में होती हैं। किसी भी तीर्थंकर की आयु एक पूर्व कोटि से अधिक नहीं होती हैं। पाँच पल्य तो असंख्य वर्ष होते हैं, तो एक शचि को अनगिनत तीर्थंकरों के कल्याणक का सौभाग्य मिलता है।

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