शंका
जब भगवान को केवल ज्ञान होता है, तो भगवान १५ किलोमीटर ऊपर चले जाते हैं। क्या विहार के समय ऊपर ही विहार होता है?
समाधान
भगवान के केवलज्ञानोपरांत पाँच हजार फ़ीट ऊपर जाने का जो विधान है, वो सार्वकालिक नहीं है। केवल ज्ञान के बाद वो पाँच धनुष ऊपर जाते हैं।
विहार उनका धरती पर ही होता है। इसका स्पष्ट उल्लेख हरिवंश पुराण में है और आचार्य समंतभद्र महाराज के कथनानुसार भी है। स्वयंभू में आचार्य समंतभद्र ने मल्लिनाथ भगवान की स्तुति में लिखा है; ये पंक्तियाँ ये बताती हैं कि भगवान का विहार धरती पर ही होता है।
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