शंका
उपासना, साधना और वासना में क्या अन्तर है?
समाधान
उपासना का अर्थ होता है किसी को अपना ‘इष्ट’ मानकर उसकी पूजा आराधना करना। व्रत, उपवास व धार्मिक क्रियानुष्ठान करना; ये सब उपासना के अन्तर्गत आते हैं, जो हमारी वासना को शान्त करने में सहायक बनते हैं।
‘साधना’, उपासना का विच्छेद रूप है जो निर्वृत्ति मूलक है। बाह्य आलम्बनों से मुक्त होकर, आत्म केन्द्रित होकर, अपने आप को अपनी आत्मा में स्थिर रखना, यही वास्तविक साधना है। साधना ‘निर्वृत्ति मूलक’ और उपासना ‘प्रवृत्ति मूलक’ होती है।
‘वासना’ है हमारे मन का विकार। यह विकार उपासना और साधना के बल पर ही शमित हो सकता है।
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