कोरोना महामारी के समय कैसे मनायें महावीर जयंती?

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शंका

कोरोना वायरस के समय कैसे मनायें महावीर जयंती?

समाधान

निश्चित इस वर्ष की महावीर जयंती हमें ऐतिहासिक तरीके से मनाना चाहिए, पूरे उल्लास और उमंग के साथ मनाना चाहिए। चैत्र के मास में अभी रामनवमी और हनुमान जयंती भी है, अभी नवरात्रि का पर्व भी पड़ रहा है। सब लोग अपने धार्मिक क्रियाकलापों को अपने घर तक सीमित कर रहे हैं, परिस्थितियाँ कुछ ऐसी है। हम लोगों को भी करना है लेकिन अपना उल्लास ऐसा बनाना है कि इस वर्ष की महावीर जयंती ‘न भूतो न भविष्यति’ जैसी बन जाए। 

कैसे होगा? तो उसके लिए मैंने कुछ बातें सोची हैं कि इस बार की महावीर जयंती को सब लोग मिलकर के घर-घर में महावीर जयंती मनाएँ। कई बार मैंने देखा, अक्सर लोग महावीर जयंती मनाते भी हैं तो कुछ लोग तो अपने धार्मिक कार्यक्रमों, समारोह में सम्मिलित होते हैं, पर बहुत सारे लोग शादी-ब्याह में लग जाते हैं। हर कोई सम्मिलित नहीं हो पाता है। तो मैं ये चाहता हूँ कि इस वर्ष घर-घर में लोग महावीर जयंती मनाएं और इस महावीर जयंती को थोड़े नायाब तरीके से मनाएँ। क्या करें? पूरे विश्व को ये संदेश देने के लिए कि आज भगवान महावीर की जयंती है, अपने घरों के बाहर सुबह आठ बजे निकले और घंटी बजाए। घंटी बजा के सन्देश दें कि आज भगवान महावीर की जयंती है। आपके घर में जो वाद्य यन्त्र है सामूहिक रूप से बजाएँ और जो अपार्टमेंट्स में रहते हैं वे पूरे अपार्टमेंट को इसमें शामिल करें क्योंकि भगवान महावीर केवल जैनों के नहीं है, जन-जन के आराध्य हैं और उसको उस तरीके से मनाया जाए तो बहुत अच्छा संदेश लोगों के मध्य जाएगा। 

उसके उपरांत, पाँच मिनट तक ये कार्य करने के उपरान्त आठ बज करके पाँच मिनट से यहाँ से लाइव भगवान महावीर का मस्तकाभिषेक होगा, उसे आप सब देखेंगे। वो मस्तकाभिषेक का कार्यक्रम दस मिनट का चलेगा जिसमें शांतिधारा भी होगी, आप घर बैठे भगवान महावीर का मस्तकाभिषेक और शांतिधारा देखने का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे। और पंद्रह मिनट में भगवान महावीर की पूजन भी यहाँ से होगी। आप घर में भी पूजन, अपना जैसे दीपावली में पूजन करते हैं, वैसी पूजा आप कर सकते हैं। आपके घर में मांगलिकता होगी तो ये लाइव कार्यक्रम होगा और उसके उपरान्त भगवान महावीर के व्यक्तित्त्व और कृतित्व पर साढ़े-आठ बजे से व्याख्यान होगा। हम उनके जीवन दर्शन की चर्चा करेंगे ये भगवान महावीर की जयंती मनाने का अच्छा रूप बनेगा। उस दिन आप सब लोग चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्म जयंती मनाने के ख्याल से हर व्यक्ति कम-से-कम चौबीस लोगों के लिए सहयोग करें, ये प्रयास होना चाहिए। हम चौबीस लोगों को चिन्हित करें, प्रयास करें। 

एक और सोच मेरे मन में आई है। इस त्रासद दौर में बहुत सारे लोग अपने जानों की बाजी लगाकर हम लोगों की सेवा कर रहे हैं। तो मैं पूरे देश की समाज से ये कहना चाहता हूँ स्थानीय स्तर पर, अगर कोई जिला है, तो जिला स्तर पर, तहसील है, तो तहसील स्तर पर, नगर पालिका है नगर पालिका स्तर पर, नगर पंचायत है नगर पंचायत स्तर पर, ग्राम पंचायत स्तर पर, थाना स्तर पर, वहाँ कार्यरत जितने भी मेडिकल से जुड़े लोग हैं, पुलिस प्रशासन के लोग हैं, नगरीय प्रशासन से जुड़े सफाई कर्मी आदि हैं, इन लोगों में एक-एक व्यक्ति को अपने-अपने समाज के स्तर पर सम्मानित करें। ये भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर हम-आप कर रहे हैं क्योंकि आपने भगवान महावीर के आदर्शों पर चलने का हम सबको पाठ पढ़ाया है। ये एक बहुत अच्छा उसमें उनका मनोबल बढ़ेगा और कोरोना के साथ हम करुणा की धारा बहा सकेंगे। 

लोगों को अहिंसा और शाकाहार के लिए प्रेरित करें। लोगों को खान-पान के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा दें। उस दिन हर कोई विभिन्न प्रकार के सोशल मीडिया में भगवान महावीर के सिद्धान्तों को लोगों तक पहुँचाने की कोशिश करें, उनके जीवन आदर्शों को लोगों तक पहुँचाने की कोशिश करें और साथ ही भगवान महावीर की प्रासंगिकता को उल्लेखित करें कि भगवान महावीर की आज कितनी  प्रासंगिकता है। यदि इस तरह से होता तो आज इस तरह के कोई वायरस का संकट विश्व के सामने नहीं आता। यदि ये सब हम बात करें, तो मैं समझता हूँ भगवान महावीर की जगत व्यापी प्रभावना इस महावीर जयंती में होगी। ये सुबह आठ बजे से साढ़े-नौ बजे तक का आपका कार्यक्रम होगा। ये सुबह का कार्यक्रम है, वो आपको करना है। 

जहाँ तक पुरस्कृत करने की बात है, तो लोग अपने प्रशासनिक अधिकारियों से पहले से मिल लें और ये उनकी घोषणा आगे-पीछे भी करी जा सकती है। लॉकडाउन की अवधि में तो नहीं होगा लेकिन इसका निर्णय यदि लोग करते हैं और महावीर जयंती के अवसर पर हम ये काम कर रहे हैं। बड़े लोगों को तो सब सम्मान देते हैं, जो नीचे स्तर पर हमारा काम करते हैं उनको सम्मान देने की परिपाटी होनी चाहिए। उनके प्रति कृतज्ञता भी सभी को ज्ञापित करनी चाहिए। और भगवान महावीर के अहिंसा के संदेश को ”जियो और जीने दो” के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना चाहिए। 

इसी के साथ शाम को आप लोग जब भोजन कर लेते हैं उसके बाद छः बजे से आप फिर एक कार्यक्रम कीजिए। छः बजे सारे परिवार के लोग एक जुट होइए और एकजुट हो करके सामूहिक आरती कीजिए। और ये आरती भी बाहर की तरफ निकल करके कीजिए घर के भीतर नहीं, जैसे सुबह घंटी बजाए, शाम को बाहर आ करके आरती का गायन करें। सब लोग पाँच मिनट में भगवान महावीर की आरती हो ताकि लोग महावीर भगवान की आरती गाएँ, महावीराष्टक उसके बाद शंका समाधान से पूर्व इस मंच से साँय ६:२० पर महावीराष्टक से शंका समाधान की शुरुआत होगी। महावीराष्टक के माध्यम से हम फिर उस दिन केवल भगवान महावीर और उनके जीवन दर्शन से सम्बन्ध प्रश्नों की चर्चा यहाँ की जाएगी। 

मैं समझता हूँ महावीर जयंती का ये एक बहुत अच्छा प्रारूप होगा। ये सूचना आप जन-जन तक पहुँचा दें और पूरा देश इससे जुड़ जाए ताकि हम कहीं मायूस न हो और हमारे मन का उत्साह बना रहे। हर बच्चा-बच्चा महावीर जयंती से जुड़े। उस दिन आप अपने घर के प्रत्येक सदस्यों को और अपने इष्ट मित्रों को इस बात के लिए बता दें कि सुबह आठ बजे से लेकर साढ़े-नौ बजे तक का टाइम और शाम को छः बजे से लेकर सात-बीस तक का टाइम इस कार्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित रखें और लोग लाभ लें तो एक बहुत अच्छा संदेश लोगों तक जाएगा और हमारी महावीर जयंती सफल और सार्थक हो जाएगी।

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