शंका
अगर हमें कोई मारता है, तो क्या हमें अपने बचाव के लिए अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करना चाहिए?
समाधान
जैन धर्म में गृहस्थ के लिए विरोधी हिंसा को क्षम्य बताया है। यदि आपके ऊपर कोई आक्रमण करे तो रक्षा के उद्देश्य से उठाए गए अस्त्र हिंसा नहीं, वो अहिंसा है। रामचंद्र जी ने रावण के ऊपर चढ़ाई की तो वो हिंसा नहीं थी, वो उनकी विरोधी हिंसा थी, जो की क्षम्य थी। तो अगर आपके ऊपर कोई इस तरह का आक्रमण (attack) करता है, तो उस समय आप उसका प्रयोग कर सकते हो।
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