क्या दान किए हुए नोटों का इस्तेमाल कर सकते हैं?

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शंका

दान में दिए हुए नोटों का इस्तेमाल कर सकते हैं? पैसों का नहीं, नोटों के बारे में प्रश्न है।

समाधान

रुपया तो विनिमय का साधन है; ऐसा नहीं कि जो रुपया आपने मन्दिर में दे दिया उसका उपयोग नहीं करें; तो रूपये देने का मतलब ही नहीं बन सकता। आपने तो cash दिया और जो currency मन्दिर में दी यदि वो बाजार में नहीं गई तो आपके रुपया देने का क्या मूल्य हुआ? वो तो कागज हो गया न! ये तो तरल है, ये जितना बहेगा उतना ही प्रयोग में आएगा, तो रुपया रखने में पाप नहीं है। 

लेकिन आप रूपये का उपयोग कब कर रहे हो? आपके पास किसी ने दान का रुपया दिया। आप उसे निजी हित में उपयोग कर रहे तो पाप है। जिनके हाथ में मन्दिरों की व्यवस्थाएँ हैं उनके पास धार्मिक कार्यों का कोई भी रुपया हो तो उस रुपया को आप सुरक्षित रखो। उसका अपने लिए कभी प्रयोग मत करो। और यदि आपको कभी जिम्मेदारी दी जाती है कदाचित वहाँ रुपया surplus है, तो आप अपने समिति की व्यवस्था के अनुसार योग्य व्यक्तियों को रुपया दे दो और उसके बदले में जो आपके यहां लेन-देन में चलता है वो रुपया वहाँ आता रहे; वो मन्दिर के हित में आए, संस्था के हित में आए तब तो कोई बाधा नहीं मानी जाती है। यानि उसका ब्याज मिलना चाहिए अन्यथा यदि आप उसका प्रयोग करते हैं तो ये बड़ी दुर्गति का कारण है। 

मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो समाज के प्रमुख थे। उन्होंने मुझे रोते हुए बताया कि ‘महाराज जी! मेरे पिताजी समाज के मुखिया थे और मन्दिर का रुपया जब भी आता था उसको अपने यहाँ रखते थे और बार-बार जब भी उनको crisis होती थी वो उस रूपये का प्रयोग कर लेते थे।’ बोला ‘महाराज जी! हम लोगों को जब ज्ञान हुआ तो हमने उनको समझाया तो वो माने नहीं कहने लगे’ कि “हम समाज का इतना कार्य करते हैं तो क्या इस पैसे का प्रयोग नहीं कर सकते? जब मौका आएगा तो देख लेंगे।” उसने कहा ‘महाराज जी! पहले तो कोई बात नहीं हुई पर जब हमने उनको कहा और वे नहीं माने उसके बाद उनकी ऐसी हालत हुई कि वो paralysis के शिकार हो गए और उन्हें जीते जी काफी लम्बा नुकसान हुआ। हम लोगों को अब समझ में आया कि निर्माल्य द्रव्य के उपभोग करने का फल क्या होता है।’ इसलिए ऐसे कार्य नहीं करना चाहिए। 

इसी के साथ कभी मन्दिर का गुल्लक खुलता है, तो रेजगारी का प्रयोग कर सकते हैं या नहीं? आप कर सकते हैं लेकिन आप एक रूपये की रेजगारी लीजिए तो बाजार में एक रूपये की रेजगारी लेने में अगर आप दो पैसे ज़्यादा देते हैं तो मन्दिर में पाँच पैसा ज़्यादा दीजिए ताकि रेजगारी का भी उपभोग हो जाए और आपका काम भी हो जाए उसमें कोई बुराई नहीं है।

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