क्या सिद्धान्त ग्रंथों का स्वाध्याय रात्रि 11 बजे के बाद भी कर सकते हैं?

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शंका

सिद्धान्त ग्रंथों का स्वाध्याय अकाल यानि अष्टमी, चौदस, पूर्णिमा और अमावस्या में नहीं किया जाता। लेकिन अन्य ग्रंथों का जो स्वाध्याय है, वह भी हम जिस समय भगवान की दिव्य ध्वनि खिरती है, उस समय में नहीं करते। सब चीजों से फ्री (निवृत्त) होकर नौ बजे रात का समय मिलता है, नौ से ग्यारह तक। क्या सिद्धान्त ग्रंथों का स्वाध्याय रात्रि 11 बजे के बाद भी कर सकते हैं?

मंजू जैन , पूना

समाधान

सिद्धान्त ग्रंथों को संधिकाल में छोड़ कर आप कभी भी पढ़ सकतें हैं। गैर सिद्धान्त ग्रंथों के लिए काल शुद्धि का कोई नियम नहीं है, साढ़े ग्यारह से साढ़े बारह के बीच नहीं करते हैं।

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