क्या ग्रहस्थों को निश्चय सम्यक् हो सकता है?

150 150 admin
शंका

क्या गृहस्थों को निश्चय सम्यक् हो सकता है?

समाधान

गृहस्थों को निश्चय सम्यक् कभी नहीं हो सकता। निश्चय सम्यक्, वीतरागी मुनियों को ही हो सकता है। निश्चय सम्यक् को कहा है- वीतराग चारित्र का अविनाभावी वीतराग चारित्र के होने पर न हो, यह गृहस्थों के लिए बिल्कुल सम्भव नहीं है। आचार्य जयसेन ने प्रवचन सार में एक स्थान पर लिखा है:-

ग्रहतानाम थलुआर्थ रउदपरिणाम निश्चित धर्मस्य अउकासोनास्तोनास्ति

गृहस्थों के लिए, जो २४ घण्टे आर्त रौद्र ध्यान में लीन रहने वाले है, उनको निश्चय धर्म के लिए गुंजाइश ही नहीं है। वह तत्त्व का निर्णय कर सकता है, निश्चित नय अनुभव नहीं। इसके लिए बहुत आगे बढ़ना पड़ेगा इसलिए मैं यह कहता हूँ, निश्चय चारित्र की प्राप्ति हो या न हो, चारित्र प्राप्ति का निश्चिय कर लो। तुम्हारा गृहस्थ जीवन तर जायेगा मुझे चारित्र प्राप्त करना है, ये दृढ़ निश्चय बनाओ, निश्चय चारित्र तो जब होना होगा तब होगा। 

आचार्य शुभचन्द्र महाराज ने ज्ञानार्णव ग्रन्थ में लिखा कि ये निश्चय चारित्र ध्यानात्मक परिणति है! किसी व्यक्ति ने कहा कि गृहस्थ को वह ध्यान हो जाये तो? उन्होंने कहा:- ‘तुम बोलो कि आकाश में फूल उग आया, मैं मान लूँगा तुम कहो मैंने सींग वाला गधा देखा, मैं मान लूँगा, लेकिन तुम कहो कि किसी देश में, किसी काल में, किसी विदेह क्षेत्र में और चौथे काल में किसी गृहस्थ अवस्था में ध्यान की सिद्धि हो गई, मैं बिल्कुल नहीं मानूंगा!’ इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?

Share

Leave a Reply