क्या सम्यक दृष्टि जीव को कोई परेशान कर सकता है?

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शंका

क्या व्यंतर जाति के लोग सम्यक् दृष्टि को परेशान कर सकते हैं?

समाधान

परेशान करने वाले तो भगवान को भी नहीं छोड़ते हैं, वे सम्यक् दृष्टि को परेशान कर सकते हैं, पर सम्यक् दृष्टि परेशान नहीं होता। 

भगवान को भी परेशान करने का प्रयास किया था? वह ज्योतिष देव था, जिसने भगवान पारसनाथ को परेशान किया था। लेकिन भगवान पारसनाथ परेशान हुए क्या? अन्तर यही है सम्यक् दृष्टि और मिथ्या दृष्टि का। मिथ्या दृष्टि को जब कोई परेशान करता है, तो वह परेशान हो जाता है और सम्यक् दृष्टि को जब कोई परेशान करता है, तो परेशान करने वाला परेशान हो जाता है, सम्यक् दृष्टि परेशान नहीं होता। इसलिए कोई कितना भी करे, परेशान मत हो, कर्मोदय की मार मानकर पंच परमेष्ठी की शरण गहो और णमोकार मन्त्र पढ़ो और ये सोचो कि ‘ये तो केवल निमित्त है, मूल कारण तो मेरा अन्तरंग उपादान है। यदि मेरा उपादान अनुकूल हो तो मेरे जीवन में चाहे कितने भी निमित्त आयें तो मेरा बाल बांका नहीं होगा।’ उपादान कमजोर होने पर श्रीकृष्ण ने समुद्र को द्वारिका की आग बुझाने के लिए मोड़ दिया था लेकिन फिर भी नहीं बुझा सके। इस बात पर पक्का श्रद्धान सम्यक् दृष्टि को होता है इसलिए वह टस से मस नहीं होता है।

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