शंका
क्या बिना गुरु गृहस्थ की सल्लेखना हो सकती है?
समाधान
दिगम्बर शास्त्रों के विधान के अनुसार गुरु के बिना सल्लेखना नहीं होती है। बहुत व्यवस्था बताई गई है, एक मुनि की सल्लेखना में तो इतना तक बता दिया गया कि ४८ मुनि हों। इसी प्रकार गृहस्थ के लिए भी सल्लेखना का विधान है। उसके अनुकूल परिचारक होना चाहिए। गुरूओं का मार्गदर्शन होना चाहिए, अनुभवी गुरु का मार्गदर्शन होना चाहिए। एक साथ खाना-पीना छोड़ने की बात बिल्कुल नहीं है। अपने शरीर का शुद्धिकरण करते हुए, शरीर की आवश्यकताओं को reduce (कम) करते-करते अपने आपको इस संसार से पार उतारने का रास्ता होना चाहिए।
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