बीसपंथ महिलाओं द्वारा अभिषेक पर ज़ोर देता है और प्रमाण भी देता है, क्या करें?

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शंका

बीसपंथ महिलाओं द्वारा अभिषेक पर ज़ोर देता है और प्रमाण भी देता है, क्या करें?

समाधान

बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे को आपने उठाया है। सबसे पहले तो मैं यह कहूँ कि समाज के हर वर्ग को चाहिए कि किसी भी प्रकार के पंथ के व्यामोह में ना रहे। समाज का इसमें बहुत नुकसान हुआ है और मैं चाहूँगा कि कभी किसी को किसी तरीके से पंथ बदलने की प्रेरणा भी न दी जाए, यह समाज के लिए विष बोने की प्रक्रिया है। रहा सवाल “मैं गलत कर रही हूँ या सही?” इसका तो हर व्यक्ति अपनी-अपनी बातों के लिए अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करता है और बहुत सारे तथ्य प्रकट करते हैं। मैं अभी बहुत सारे प्रमाण ऐसे भी प्रस्तुत कर सकता हूँ जिससे यह बात सिद्ध होगी कि आप जो कर रही हैं वह सही कह रही हैं, लेकिन इस तरह के पक्ष या विपक्ष, आरोप-प्रत्यारोप की भाषा से समाज में विषमवाद उत्पन्न होता है, इसकी आवश्यकता क्या है?

एक बहन जी ने कहा कि वह मुंबई से आई थी उनको किसी महाराज जी ने बहुत दबाव दिया कि तुम अभिषेक करो, खूब सारा पुराण पढ़ा है। उस महिला ने बहुत जबरदस्त बात कह दी – हम कुछ नहीं जानते, हमारे गुरु आचार्य विद्यासागर है, जिस दिन वो कह देंगे उस दिन हम कर लेंगे। यही एक रास्ता है फिर भी आपको उलझना है, आप जानो।

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