शंका
समवसरण में बारह कोठों में बैठने वाले सभी तिर्यंच, देव और मनुष्य क्या सम्यग्दृष्टि होते हैं? क्या सभी मोक्ष गामी है?
समाधान
समवसरण में श्री मण्डप भूमि, जो आठवीं भूमि है, जहाँ श्रीजी (भगवान) विराजमान होते हैं उस अष्टम भूमि में केवल सम्यग्दृष्टि तिर्यंच, मनुष्य, या सम्यग्दृष्टि जीव ही पहुँचते हैं। मिथ्यादृष्टि जीव का प्रवेश सप्तम भूमि में जो भवन भूमि है वहाँ भव्य कूट है, उससे आगे नहीं है। भव्य कूट को देखते ही ऐसे अभव्य जीव की तो आँखें चौंधिया जाती हैं और मिथ्यादृष्टि बाहर के राग व रंग में ही रमें रहते हैं। वे आगे नहीं जा सकते हैं। समवसरण का अतिशय होता है। थोड़ी सी जगह में भी असंख्य मनुष्य, तिर्यंच व देव एक दूसरे के स्पर्श के बिना समा जाते हैं इसलिए घबराने जैसी कोई बात नहीं है।
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