अनहद विद्या, अनहद स्वर, अनहद नाद क्या है?

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शंका

अनहद विद्या, अनहद स्वर और अनहद नाद का अर्थ समझाइए?

समाधान

कोशकारों के अनुसार अनहद का अर्थ है आघात रहित। आघात रहित विद्या को अनहद कहते हैं। कुछ विद्याएँ ऐसी होती हैं जो विशेष साधना से प्रकट होती हैं। अनहद नाद यानी ऐसी पराध्वनि जो बिना किसी आघात (ताल, दंत, ओष्ठ, आदि ) के स्पंदन द्वारा प्रकट होती है। “नि” और योगियों को सुनाई देने वाली एक आंतरिक ध्वनि जिसे माध्यम पावक कहते हैं, अनहद या अनाहत ध्वनि कहलाती हैं।

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2 comments
  • राजकुमार April 20, 2025 at 3:04 am

    मुझे मेडिटेशन के बारे में इसे कुछ जानना है मेरी उर्जा शरीर में कहीं फस गई है और मेरी कुंडलिनी शक्ति बार-बार नीचे गिरती है इसके बारे में इसे कोई जानकारी चाहिए थी क्या प्रॉब्लम हो रही है इसके बारे में

    • admin May 18, 2025 at 9:34 am

      जय जिनेन्द्र,
      अगर आपको किसी विषय में गुरुवर से चर्चा करनी है तो आप उनके वर्तमान प्रवास स्थल में साक्षात दर्शन कर सकते हैं।
      प्रवास की जानकारी प्रामाणिक app से प्राप्त हो सकती है।

      सेवा में,
      प्रामाणिक समूह

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