शंका
हमें बचपन से यह सिखाया गया है कि ‘अगर आप सुबह के समय मन्दिर जा रहे हैं तो आपको तीन परिक्रमा लगानी हैं और अगर आप शाम या उसके बाद जा रहे हैं तो आप एक परिक्रमा लगाएँ!’ ऐसा क्यों?
समाधान
हमारे यहाँ मन्दिर में परिक्रमा लगाओ तो हमेशा तीन ही लगानी चाहिए; मन, वचन, काय से भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण के प्रतीक स्वरूप तीन परिक्रमा लगाते हैं। दिन में परिक्रमा लगाने की परिपाटी है, रात्रि में नहीं। शाम के समय में, रात्रि के समय में परिक्रमा इसलिए नहीं लगाते क्योंकि पुराने समय में गर्भग्रह में पर्याप्त प्रकाश नहीं रहता था, जीव जंतुओं का घात होने की सम्भावना रहती होगी, इसलिए रात्री में परिक्रमा लगाने की परिपाटी नहीं है।
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