शंका
सभी चक्रवर्ती सम्यक् दृष्टि होते हैं और यदि सम्यक् दृष्टि होते हैं तो नरक क्यों गये?
समाधान
साधारण नियम के अनुसार सारे इन्द्र सम्यक् दृष्टि होते हैं और चक्रवर्ती का पद भी सम्यक् दृष्टि को ही मिलता है। उत्तर पुराण के एक कथन के अनुसार निदान से भी चक्रवर्ती बनने का प्रसंग आता है। फिर भी चक्रवर्तीत्त्व जैसा पद सम्यक् दृष्टि को ही होता है। एक दो चक्रवर्ती ऐसे भी हुए हैं जो सम्यक्त्व से पतित हो गये-अपनी भोगासक्त बुद्धि के कारण। इसलिए उस भोगासक्ति को ही चक्रवर्ती के सम्यक्त्व में बाधक मानना चाहिए।
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