भक्तामर स्तोत्र से रोग दूर होते हैं?

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शंका

भक्तामर स्तोत्र से रोग दूर होते हैं?

समाधान

यह तो श्रद्धा का विषय है, किस पर किस का असर पड़ सकता है? यह हम अवधारण पूर्वक नहीं कर सकते, लेकिन कई जगह ऐसे परिणाम दिखे। 

मैं एक घटना आपको बताता हूँ। मध्यप्रदेश में एक छोटा-सा धनोरा नाम का गाँव है, पिंडरई के पास, जबलपुर के पास पड़ता है। वहाँ एक बच्चा था, बोल नहीं पाता था, टूटे-फूटे एकाध शब्द उसके मुँह से निकलते थे, शब्द नहीं बोल पाता था। लेकिन, उसके ह्रदय में भक्ति थी। १८-१९ साल का हो गया था। कोई भी मुनिराज आयें तो सबसे पहले झंडा लेकर वही आता था। भगवान के दर्शन करने के लिए वह रोज जाता, अपने भावों से भगवान की भक्ति करता, काफी समय देता। क्या बोलता, किसी को पता नहीं क्योंकि मुख से बोल नहीं निकलता। आप सुनकर के ताज्जुब करोगे कि उसके मुख की बोली भगवान के सामने ही खुली १८ साल की उम्र में। भगवान की भक्ति करते करते उसके बोल फूट गये। हालाँकि, आम आदमी की तरह आज वह नहीं बोल पाता, यह घटना मैं १९८९ की बता रहा हूँ। आज उस व्यक्ति की स्थिति क्या है, मुझे नहीं मालूम। हो सकता है सुन भी रहा हो इस कार्यक्रम को। लेकिन, उसकी बोली आयी और यह एक आश्चर्य था, कुछ कुछ तो बोल पाया। 

अगर कर्म शास्त्रीय भाषा में हम बात करें, तो शुभ धार्मिक अनुष्ठानों से हमारे अशुभ कर्म का निवारण होता है। जब अशुभ कर्म का क्षय हो जाता है, पाप नष्ट हो जाते हैं पुण्य का उदय आ जाता है, तो बहुत कुछ परिवर्तन हो सकता है। कदाचित परिवर्तन ना हो, कई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट (Manufacturing Defect) है, शरीर में कुछ जन्म जात इस तरह की डिसेबिलिटी (Disability) आ गई है, कोई जेनेटिक प्रॉब्लम (Genetic Problem) है या कुछ ऐसे सिंड्रोम (Syndrome) है जिसका कोई इलाज नहीं है, तो भी आप धार्मिक अनुष्ठान ज़रूर कीजिए, उसके फायदे हैं। क्या फायदे हैं? वह परिवर्तित हो या ना हो, आपका मन प्रभावित नहीं होगा। सामने वाला अगर आराधना करेगा, तो अपनी पीड़ा को सहने में समर्थ भी हो जाएगा। इसलिए दवा और दुआ दोनों चीजों को लेकर के चलना चाहिए। 

मैं आपको एक बात कहूँगा, अंधविश्वासी मत बनिए। जो काम medical aid (चिकित्सीय सहायता) से पूरा होता है, वह लीजिए।  “महाराज ने कहा, केवल प्रार्थना करो बीमारियाँ चली जाएंगी”, तो पता लगा फिर आप के नाम पर प्रार्थना करना पड़ेगा, दूसरी प्रार्थना हो जाएगी, शांति की प्रार्थना वाली बात हो जाएगी, ऐसा नहीं करना। वह आप अपना काम कीजिए जो मेडिकल ऐड है वह लीजिए और साथ में भगवान का नाम भी लीजिए ताकि आपको दोहरा लाभ मिल सकें। 

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